ढ़लती उम्र के साथ बहुत कुछ ढ़ल जाता है ढ़लती उम्र के साथ बहुत कुछ ढ़ल जाता है
जो बेरहम आज भी मेरी पहचान लेने को बैठा है। जो बेरहम आज भी मेरी पहचान लेने को बैठा है।
फर्क सिर्फ इतना है हर अवस्था में सोच से ही जीवन को बदलता है । फर्क सिर्फ इतना है हर अवस्था में सोच से ही जीवन को बदलता है ।
यही है आजकल की कहानी, बदलेगा सबका यूं ही ठौर। यही है आजकल की कहानी, बदलेगा सबका यूं ही ठौर।
उम्र ढल गई तो क्या हुआ अभी भी साँसें बाकी हैं, जीवन पथ पर चल रहे हैं मौत से बाजी नही उम्र ढल गई तो क्या हुआ अभी भी साँसें बाकी हैं, जीवन पथ पर चल रहे हैं मौ...
फिर मिलूँ तो पहचान भी लेना मुझको ऐ दोस्त, मैं तुम्हारा बचपन हूँ, जवानी हूँ बस बुढ़ापे में ढल गय... फिर मिलूँ तो पहचान भी लेना मुझको ऐ दोस्त, मैं तुम्हारा बचपन हूँ, जवानी हूँ ...